छोटा भाइ इन्डिया – मेरा था लिपुलेक है नजरमे मेरा रहेगा सदा

छोटा भाइ पडोसका इधरकी बातेँ सुनो इन्डिया
नक्सा है अपना जमीन अपनी तेरा बुरा क्या किया
जन्मे हो कल जो गुलाम बनके अंग्रेज़ पर्छाइँका
छोटे हो तुम उम्रसे मत भुलो रिस्ता बडेभाइका।१।

जो है सन्धि लिखा वही समयने क्या ओ सुगौली पढी?
जिन्दा है इतिहासमे रगतकी जो काङ्गडाकी गढी
गोर्खा पल्टनसे पुछो बस करो थोडा डरो इन्डिया
जिन्दा शेर समीप हो तमिजसे बातेँ करो इन्डि ।२।

टिस्टामे जिसने नचाइ खुकुरी जानो वही वक्त हुँ
मिट्टी भक्त अदम्य शेरपुरका नेपालका रक्त हुँ
शंका है अखबार वार मिडिया संस्कार कैसी पढी
सोयाथा जब शेर शेरपुरमे दादा बनी लोमडी ।३।

कालीमूल हिमालका इधरका चोटी चढाई लता
मेरा था लिपुलेक है नजरमे मेरा रहेगा सदा
प्यासी हो दिलसे दिया शिखरका पीयूष पानी भरो
छोटा हो तुम भाइ भारत मुझे आओ नमस्ते करो ।४।

मेरा नित्य सफेद बुद्ध शिरमे भारी रहा औरसे
लेखा है इतिहास लाल रङका सम्झो जरा गौरसे
रोजो लाल सफेद रङ्ग अपना जल्दी करो निर्णय
सीनेसे रगसे कहूँ रगतसे नेपाल आमा जय ।५।
छन्द:शार्दूलविक्रीडित
रचनाकार:हिरा भट्ट,बैतडी